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आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा को सुसज्जित रथ पर बैठा कर गिरिडीह में नगर भ्रमण कराया गया।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा को सुसज्जित रथ पर बैठा कर गिरिडीह में नगर भ्रमण कराया गया। 

मो० शबा की रिपोर्ट 

आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को सीएमआर रोड स्थित पुरातन शिवालय से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रह को सुसज्जित रथ पर बैठा कर नगर भ्रमण कराया गया। नगर भ्रमण के पूर्व पुजारी सतीश मिश्रा ने पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा का पूजन कर विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन मिठाई आदि भोग अर्पित किया गया।

कहा कि पौराणिक कथानुसार भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार रथ पर बैठकर पूरा नगर देखने की इच्छा जताई। तब भगवान अपने भाई बलभद्र और लाडली बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर पूरा नगर देखने निकले। जय जगन्नाथ के जयकारे से पूरा नगर गुंजायमान रहा। भक्त कड़ी धूप में भी रथ को हाथों से खींचते जा रहे थे।प्रशासन की ओर से सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम था। पुजारी ने कहा कि रथयात्रा भारत की मजबूत सांस्कृतिक एकता और सौहार्द का प्रतीक है। नगर भ्रमण के पश्चात भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ 7 दिनों तक मौसी बाड़ी अर्थात गांधी चौक स्थित काली मंडा में निवास कर भक्तों को दर्शन देंगे। जहां सातों दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजन आरती होगी। इसके बाद पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान वापस मंदिर में प्रवेश करेंगे।

 कार्यक्रम को सफल बनाने में दीपक यादव, रामजी यादव, सुशील सुराणा, अमित मिश्रा, रोहित सिंह, राजेंद्र लाल बरनवाल, सुरेश प्रसाद,अभिषेक स्वर्णकार, सिद्धांत चन्द्रवंशी, अंकित दूबे आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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