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प्रवाह संस्था, शाखा- शिकारीपाड़ा के द्वारा एक सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया।

प्रवाह संस्था, शाखा- शिकारीपाड़ा के द्वारा एक सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया।

करंट ख़बर संवाददाता शिकारीपाड़ा दुमका

अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के उपलक्ष में प्रवाह संस्था, शाखा- शिकारीपाड़ा के द्वारा बुधवार को एक सामुदायिक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन सोनाढाब पंचायत के कोलाईबाड़ी गाँव में किया गया। 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के अधिकार, भाषा, परंपरा और संस्कृति के संरक्षण हेतु सामुदायिक जागरुकता हैं। 

प्रवाह संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेम कुमार ने आदिवासी समुदाय के बुनियादी अधिकार के बारे में कार्यक्रम में विस्तार से बताया। माँझी बैसी व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय में मानवीय अधिकारों और मूल्यों के संरक्षण के लिए जल, जंगल, ज़मीन और आदिवासी परंपरा एवं संस्कृति के रक्षा हेतु ग्राम स्तर पर माँझी बैसी व्यवस्था को मजबूत होना होगा। आगे उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार द्वारा आदिवासी समाज के अधिकारों के संरक्षण के लिए लागू की गई महत्वकांक्षी योजना और कानूनों की जानकारी दी। योजनाओं और कानून के कियांवयन के लिए ग्राम प्रधान, आंगनवाडी सेविका, साहिया, मुखिया, पंचायत समिति, प्रखंड और जिला स्तरीय अधिकारी तथा सरकार निष्ठा से कार्य  

कार्यक्रम में संस्था की फील्ड कॉर्डिनेटर बिमोली हेम्ब्रम और मनीषा हेम्ब्रम ने आदिवासी अधिकारों के संरक्षण हेतु बच्चों को शिक्षित करने और बाल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सब की भागीदारी पर जोर देते हुए बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल तस्करी और नशाखोरी के विरुद्ध विस्तार से बताया। 

कार्यक्रम में ग्राम प्रधान प्रधान मुर्मू, बबली हेम्ब्रम, बसंती सोरेन, हुपनी हेम्ब्रम, लीसुमुनी किस्कु, सोनातन मुर्मू, हरेराम मुर्मू एवं सैकड़ों की संख्या में बच्चे और ग्रामीण मौजूद थे।

सनाउल अंसारी का रिपोर्ट

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