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भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि उन्हें लगातार विभिन्न माध्यमों से राँची में बालू की कालाबाजारी की शिकायत मिल रही है



भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि उन्हें लगातार विभिन्न माध्यमों से राँची में बालू की कालाबाजारी की शिकायत मिल रही है। राज्य के सभी अखबारों का एक कोना प्रतिदिन बालू, पत्थर के कालाबाजारी और उनके माफियाओं के कारनामों से रंगा रहता है। श्री तिवारी ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने मुझे बताया कि राँची के तमाड़, बुण्डु, सोनाहातु, सिल्ली आदि ग्रामीण इलाकों में बालू का अवैध खनन जोरों पर है। बालू माफियाओं द्वारा अवैध बालू को एक निश्चित स्थान पर डंप किया जाता है और फिर जरूरतमंदों को मुंहमांगे दामों पर बेचा जाता है।
श्री तिवारी ने जानकारी दी कि राँची में छः साल बाद जब 19 बालू घाटों का टेंडर हुआ तो लगा कि जनता को अब बालू सर्वसुलभ होगा, लेकिन हुआ वही ढाक का तीन पात। जब मैंने खान विभाग के पदाधिकारी से इस संबंध में जानना चाहा तो उन्होंने मुझे बताया कि टेंडर प्रक्रिया तो हो गया है लेकिन ‘पर्यावरणीय स्वीकृति’ और ‘कंसेट टू ऑपरेट’ की स्वीकृति उन्हें अब तक नहीं मिली है। स्वीकृति मिलते ही बालू झारखण्ड राज्य खनिज विकास निगम से ऑनलाईन बुकिंग के माध्यम से बालू मिलने लगेगा। यानी कि सरकार की ओर से बालू मिलने में अभी काफी देर है पर अवैध रूप से और मुंहमांगी कीमत देने पर लोगों को बालू धड़ल्ले से मिल जायेगा। यह घोटाला और भ्रष्टाचार का नया रूप है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालू माफियाओं के उपर नकेल नहीं कस रही है। बालू माफिया विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के संरक्षण और पुलिस-प्रशासन के सहयोग से बालू की अवैध ढुलाई कराकर चांदी काट रही है। प्रतिदिन लगभग 200 ट्रक अवैध बालू का कारोबार होता है, परंतु जनता डर से आवाज नहीं उठा पा रही है, क्योंकि इन सबों का दबदबा है। बालू सर्वसुलभ नहीं होने से लोगों के घर नहीं बन रहे है, छोटे-मोटे मरम्मत के काम भी प्रभावित हो रहा है, पर हेमंत सरकार को आम आदमी के इस पीड़ा से कोई लेना-देना नहीं है। जनप्रतिनिधियों का रवैया भी इस मामले में उदासीन है।
श्री तिवारी ने कहा कि भारतीय जनतंत्र मोर्चा राज्य सरकार और प्रशासनिक पदाधिकारी को चेताती है कि यदि बालू का अवैध धंधा नहीं रुकती है तो अगले 10 दिनों के अंदर हमारे कार्यकर्ता रोड पर आ जाएंगे और जनसहयोग से मिडिया की उपस्थिति में अवैध बालू लदे ट्रकों को जब्त कर मुख्यमंत्री आवास, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के समक्ष इसे खड़ा करेगी और जनता ही इस अवैध बालू का फैसला करेगी।

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