सज्जन कुमार गर्ग
जमालपुर।समपार फाटकों या रेलवे ट्रैक से मोबाइल फोन पर बात करते समय गुजरने के कारण मौत की दुखद घटनाएं अक्सर एक मानवीय कहानी के रूप में सामने आ रही हैं। यह सब समपारों पर सुरक्षा मानदंडों को ध्यान में न रखने या तोड़ने या रेलवे ट्रैक से होकर गुजरने का परिणाम है।इस संबंध में पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा कि पूर्व रेलवे के अधिकारी समय-समय पर लेवल क्रॉसिंग पर सुरक्षा नियमों का पालन करने या रेलवे ट्रैक से होकर गुजरने से बचने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सीधे संचार के साथ-साथ पारंपरिक मीडिया, सोशल मीडिया में अभियान की व्यवस्था करते हैं।
जो लोग सुरक्षा नियमों की अवहेलना करते हुए और रेलवे ट्रैक को पार करते हुए पाए गए, उन्हें अपनी जान जोखिम में डालने से रोकने के लिए कई बार सलाह भी दी गई। हालाँकि प्रारंभिक प्रतिक्रिया अच्छी है, लेकिन रेलवे ट्रैक के माध्यम से अतिक्रमण करने या समपार फाटक बंद होने पर समपार पर जबरन प्रवेश करने की घटनाएं अक्सर देखी जाती हैं और आकस्मिक मौतें या चोट लगने की घटनाएँ होती रहती हैं। गौरतलब है कि 2022-23 में रन ओवर के कारण 1794 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2023-24 में अब तक यानी अप्रैल, 2023 से जनवरी, 2024 तक रेलवे लाइन पर मरने वालों की कुल संख्या 1485 है। इन दुखद घटनाओं से आसानी से बचा जा सकता था, यदि पीड़ितों ने न्यूनतम सुरक्षा मानदंडों का पालन किया होता।
गौरतलब है कि, रेलवे ट्रैक से होकर गुजरने से न केवल घातक दुर्घटनाओं का खतरा रहता है, बल्कि यह सुरक्षा नियमों का उल्लंघन भी है।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी/पूर्व रेलवे कौशिक मित्रा, ने कहा कि “पूर्व रेलवे को उम्मीद है कि लोग अनावश्यक रूप से रेलवे ट्रैक से नहीं गुजरेंगे। रेलवे ट्रैक पर या उसके पास एक पल की असावधानी दुखद घटनाओं का कारण बन सकती है।


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