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शनिवार को झंडा मैदान में जिला स्तरीय किसान मेला-सह-फसल प्रदर्शनी कार्यक्रम का हुआ आयोजन

शनिवार को झंडा मैदान में जिला स्तरीय किसान मेला-सह-फसल प्रदर्शनी कार्यक्रम का हुआ आयोजन

मेला का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती मुनिया देवी व जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। 

गिरिडीह ---- गिरिडीह, झंडा मैदान में जिला स्तरीय किसान मेला-सह-फसल प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया । मेला का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती मुनिया देवी व जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया । इस मेले में कृषि एवं कृषि संबंध विभाग के साथ-साथ कृषि विज्ञान केंद्र एफपीओ खाद बीज भंडार सहित कुल 18 स्टॉल लगाए गए एवं मंच के साथ-साथ कृषि एवं कृषि संबंध विभाग के पदाधिकारी सभी विभाग के कर्मी, किसान मित्र, एग्री स्मार्ट ग्राम के कृषक, पाठशाला के कर्मी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी, प्रबंधक सहायक, तकनीकी प्रबंधक, जन सेवक, एग्री क्लीनिक के कर्मी, कृषक उत्पादक संगठन के कृषक, विभिन्न प्रखंड से सैकड़ो किसान उपस्थित थे ।

मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी द्वारा कहा गया कि यह मेला किसानों के लिए बहुत लाभकारी है और अधिक प्रचार प्रसार करते हुए किसानों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है । इनके द्वारा बताया गया कि कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार द्वारा बताए गए तकनीकी ढंग से खेती करने की सलाह को यदि किसान अपने छिड़काव की विधि एवं समय पर करें तो किसानो को अधिक लाभ होगा । पानी की कमी को देखते हुए खेती कार्य समय पर नहीं हो पाता है कृषि विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता है । जिससे सिंचाई सुनिश्चित हो सके क्योंकि खेती सिंचाई पर ही निर्भर है । इसके लिए चेक डैम, तालाब कूप जैसे योजना पर ध्यान देने की आवश्यकता है । जिससे पानी संरक्षित कर खेती करने में सहायक हो सकता है । कार्यक्रम के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा सुरेन्द्र सिंह के द्वारा बताया गया कि आत्मा प्रचार प्रसार के लिए ही मुख्य रूप से जिले में किसानों के लिए कार्य कर रही है । प्रखंड स्तर पर प्रखंड तकनीकी प्रबंधक सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं किसान मित्र कार्य कर रही है । इसके साथ-साथ आत्मा के द्वारा कृषि विभाग कृषि संबंध विभाग फ्लैगशिप स्कीम के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन सॉयल हेल्थ कार्ड देसी प्रशिक्षण कार्यक्रम, STRY प्रशिक्षण इत्यादि कार्यक्रम करते हुए किसानों के बीच प्रचार प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्य करते रहते हैं । इस प्रचार प्रसार के कड़ी में ही किसान मेला एक बहुत ही पारदर्शी तरीके से संबंधित किसानों को बहुत सारी जानकारी के साथ उसकी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए सभी विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल के माध्यम से जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने का का प्रयास है । इसके अलावा उन्होंने किसान भाइयों को आत्मनिर्भर होने के लिए कृषि के साथ-साथ पशु पालन करने की भी सलाह दी । महिला किसान गृह वाटिका घर की बाड़ी में भी मौसमी सब्जी, नींबू, पपीता एवं अमरुद का पौधा लगाकर पौष्टिक खाना खाते हुए आमदनी भी कर सकते हैं । उनके द्वारा कम खर्च वाले खाद, केंचुआ खाद, गोबर खाद, कंपोस्ट आदि का अधिक उपयोग एवं रासायनिक खाद का कम उपयोग करने के लिए किसानो को सलाह दी गई । कृषि विभाग से पर ड्रॉप मोर क्रॉप जैसे योजनाओं का लाभ किसानों को लेने की सलाह दी गई । इस योजना से बहुत कम पानी में अच्छी फसल होती है । जिला उद्यान पदाधिकारी वरुण कुमार द्वारा बताया गया कि उद्यान विभाग से दो तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं । उद्यान विकास योजना एवं गैर बागवानी मिशन योजना के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए किसान बंधु से आग्रह किया गया कि विभाग से माह मई से अगस्त तक आवेदन उद्यान मित्र के माध्यम से जिला में करें । जिससे किसानों को फल, फूल, सब्जी, वर्मी, वेड, टिश्यू कल्चर, प्लास्टिक, मल्चिंग, एंटीबॉडिनेट आदि का लाभ उनका विभाग से मिलता है ।

कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी आकाश सिंह द्वारा बताया गया कि दवाई अनुसंसित मात्रा में ही उपयोग करें । इनके द्वारा सलाह दी गई कि किसान जब भी कोई दवाई का उपयोग करते हैं दवाई पर दिए गए सिंबल से ही किस दवाई का असर पहचान सकते हैं । लाल रंग अधिक जहरीला, पीला रंग कम जहरीला एवं हरा रंग बहुत ही कम जहरीला होता है । इनके द्वारा बताया गया कि पौधों पर छिड़काव जिस दिशा में हवा बहती है उसके विपरीत नहीं करना चाहिए नहीं तो दवाई आपके ऊपर आ सकता है जिससे नुकसान भी हो सकता है । इसलिए हवा के दिशा में ही दवाई का छिड़काव करना चाहिए ।

कृषि विज्ञानं केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार द्वारा बताया गया कि किसान स्वावलंबी बने किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर खेती की लागत कम कर सकते हैं । जैसे बीज का चुनाव बीज की मात्रा समय पर सिंचाई पौधे की दूरी बीज उपचार रोगों में अनुशंसित दवाई का प्रयोग आदि अपनाते हुए अपनी खेती की लागत को कम कर सकते हैं साथ ही साथ नीम, करंज, सरसों खली आदि का उपयोग करें । वैज्ञानिक विधि से खेती की विस्तृत जानकारी इनके द्वारा दी गई वैज्ञानिक विधि से खेती करने से 5 से 7 गुना मुनाफा बढ़ जाता है । इसके अलावा कार्यक्रम का संचालन रमेश कुमार प्रखंड तकनीकी प्रबंधक आत्मा गिरिडीह द्वारा किया गया एवं मंच पर उपस्थित सभी पदाधिकारी द्वारा अपनी अपनी विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के बारे किसान मित्रों को बताया गया । मेला का मुख्य आकर्षण फसल प्रदर्शनी रहा एवं प्रदर्शन समिति के द्वारा इनको प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के साथ-साथ सांत्वना पुरस्कार भी दिया जायेगा ।

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