श्री खाटूश्याम मे फाल्गुन महोत्सव व निशान यात्रा में पहुंच रहे देश दुनिया के श्याम भक्त,,,,
झारखंड के श्याम भक्तो का जमालपुर स्टेशन पर स्वागत,
सज्जन कुमार गर्ग
जमालपुर।राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध फाल्गुन महोत्सव व निशान यात्रा 11मार्च से आरंभ हैं मेला में देश दुनिया के लाखो श्याम भक्त विश्व प्रसिद्ध खाटुधाम श्री श्याम बाबा के दरवार मे पहुंच अपनी हाजरी लगा रहे हैं।खाटु श्याम जी जाने का सबसे अच्छा समय फाल्गुन महीने में होता है। इस महीने में यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों भक्त श्याम बाबा के दर्शन करने आते हैं।प्रभु श्याम बाबा मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है,और इसे राज्य के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, खाटू श्याम जी घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक के अवतार हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त अपने दिल की गहराई से उनके नाम का उच्चारण करते हैं, वे धन्य हो जाते हैं और उनके संकट दूर हो जाते हैं,,मुंंगेर जमालपुर भागलपुर बाकां लखीसराय पटनासिटी झारखंड के वडहरवा सहित देश के विभिन्न क्षेत्रो मे शयाम भक्तो की टोलियां खाटुधाम फाल्गुन मेला मे हिस्सा लेने पहुंच रही है,इसी श्रृंखला मे आज जमालपुर रेलवे स्टेशन पर झारखंड के वडहरवा बहरेट से राजस्थान स्थित खाटुधाम फाल्गुन मेला, निशान यात्रा मे हिस्सा लेने जारहे श्याम भक्तो का जमालपुर स्टेशन पर स्वागत किया गया,शयाम भक्तों की टीम का नेतृत्व बडहरवा के रवि कांत अग्रवाल व अरूण भगत कर रहे थे,श्याम भक्तों की टीम मे खुशी भगत देवाशीष साहा आरती भगत दिव्या भगत रीता भगत आयुष भगत एवं कायरव भगत सहित अन्य श्याम भक्त शामिल थे,,रवि कांत अग्रवाल सहित अन्य श्याम भक्तो ने बताया कि खाटुधाम मे विश्व प्रसिद्ध फाल्गुन महोत्सव मेला और निशा यात्रा मे हिस्सा लेने,,बडहरवा से कामख्या ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन से यात्रा आरंभ किए हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत की लड़ाई शुरू होने से पहले, बर्बरीक की शक्ति को बेजोड़ कहा जाता था। उसने कमजोर पक्ष का पक्ष लेने का फैसला किया था ताकि वह न्यायपूर्ण रह सके, एक ऐसा निर्णय जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों का पूर्ण विनाश हो जाएगा केवल बर्बरीक ही जीवित बचेगा ऐसा कहा जाता है कि इस तरह के विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उसका सिर (शीश दान) मांगा, जिसके लिए वह सहर्ष तैयार हो गये। श्री कृष्ण उनके प्रति दिखाई गई भक्ति और बर्बरीक के महान बलिदान से बेहद खुश थे कि उन्होंने उन्हें एक वरदान दिया, जिसके अनुसार कलियुग (वर्तमान समय) में बर्बरीक को कृष्ण के अपने नाम, श्याम जी के नाम से जाना जाएगा और उनके स्वरूप में पूजा की जाएगी। वही जमालपुर के प्रसिद्ध श्री श्याम बाबा मंदिर समिति के सदस्य रीतेश गर्ग विक्की माधो मस्करा आदि भी विश्व प्रसिद्ध फाल्गुन महोत्सव मेला व निशा यात्रा मे शामिल होने खाटुधाम पहुंचे हुए हैं


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