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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात की 109 वे संस्करण को भाजपा के नेताओं ने निवर्तमान गिरीडीह विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी के आवासीय कार्यालय में सुना

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात की 109 वे संस्करण को भाजपा के नेताओं ने निवर्तमान गिरीडीह विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी के आवासीय कार्यालय में सुना। 

गिरिडीह ----- रविवार को प्रधानमंत्री के मन की बात का 109 वां संस्करण गिरिडीह के निवर्तमान विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी के आवासीय कार्यालय में भाजपा के नेताओ तथा लोगो ने सुना । इस मन की बात में निर्भय कुमार शाहाबादी, ज़िला महामंत्री सुभाषचंद्र सिन्हा, संदीप डंगायच, संजय सिंह, विनीता कुमारी, दीपक स्वर्णकार, बीरेंद्र वर्मा, मोतीलाल उपाध्याय, नगर अध्यक्ष हरमिंदर सिंह बग्गा, उत्तम लाला, पवन शर्मा, संजीत सिंह पप्पू, दीपक शर्मा, हबलु गुप्ता, गोबिंद तुरी, प्रकाश दास, समीर राज, दिलीप राम, अमित आर्या, गोपाल विश्वकर्मा सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

इस अवसर पर मन की बात को सुनने बाद निवर्तमान विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी ने कहा कि आज का यह संस्करण महिला सशक्तिकरण और देशी पद्धति पर केंद्रित रहा । उन्होंने कहा कि 21वीं सदी महिला विकास केंद्रित का भारत है । आज देश की महिलाएं देश ही नही विदेशों में भी अपनी कार्यकुशलता परचम लहरा रही है । इसका जीता जागता सबूत गणतंत्र दिवस के 75वीं वर्षगांठ पर मार्च पास्ट करने वाले 20 दस्तों में 11दस्ते का नेतृत्व महिलाओं ने किया । इस दिन निकलने वाली झांकियो में भी महिलाओं को प्रमुखता से लिया गया । अब तक देश मे पद्मश्री सम्मान वैसे विभूतियों को दिया जा रहा था जो अपने क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुके थे । परंतु आज वैसे लोगो को खोज कर चिन्हित कर दिया जा रहा जो समाज के प्रेरणाश्रोत बन कर उभरे है । उन्होंने कहा कि आज अर्जुन पुरस्कार पाने वालों में भी 30 महिला खिलाड़ियों को यह सम्मान मिला है, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है । अंत मे उन्होंने कहा कि अपने देश भारत की चिकित्सा प्रणाली पर जोर देते हुए कहा कि देश मे आयुर्वेद, हर्बल और यूनानी पद्दति से भी कई विषम रोगों का उपचार अनादि काल से होता रहा है । परन्तु उसके इलाज का कोई स्पष्ट भाषा नही होने कारण सभी अपनी तरह से इलाज करते आ रहे थे । अब हमारी सरकार के प्रयास से उन सभी प्रकार के इलाज़ की एक भाषा का इज़ाद कर एकसूत्र में लाया जा रहा है, ताकि आयुर्वेद, हर्बल और यूनानी पद्दति का इलाज समान रूप से कर सके । जिससे कि उन इलाज करा रहे रोगियों को आसानी हो सके ।

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