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योग से हो सकता है कायाकल्प यह कहना है शौर्य चक्र विजेता आयरन मैन प्रवीण का।

योग से हो सकता है कायाकल्प यह कहना है शौर्य चक्र विजेता आयरन मैन प्रवीण का। 

गिरिडीह ---- 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में अपनी जान की परवाह न करते हुए आतंकवादियों को ढेर करने वाले शौर्य चक्र विजेता मार्कोस कमांडोज प्रवीण तेवतिया भारत स्वाभिमान के तत्वाधान में योग शिविर और युवाओं को राष्ट्र सेवा और योग के प्रति प्रेरित प्रेरित करने के लिए गिरिडीह पहुंचे प्रातः काल कबीर ज्ञान मन्दिर में उन्होंने पतंजलि परिवार के कार्यकर्ताओं को योग का प्रशिक्षण दिया l तत्पश्चात गिरिडीह कॉलेज सभागार में सैकड़ो युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने जन्म और मृत्यु को तय नहीं कर सकते परंतु अपने जीवन काल में अपने भाग्य के निर्माता हम स्वयं हैं मन के हारे हार है मन के जीते जीत इस कहावत को चरितार्थ करने वाले तीन बार आयरन मैन का खिताब हासिल करने वाले प्रवीण जी को सुनकर युवा आत्मविश्वास से लवरेज हो गए l अपनी आपबीती सुनाते हुए उन्होंने कहा की मुंबई आतंकी हमले में एक कमरे में उन्होंने चार आतंकियों से लोहा लिया l जबकि दूसरे कमरे में 185 आम नागरिक बंधक बने हुए थे l अपनी जान पर खेल कर उन आतंकियों को मार दिलाने के क्रम में उन्हें छः गोलियां लगी और मृतप्राय अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया l इलाज के क्रम में उनका एक फेफड़ा निकाल दिया गया और डॉक्टरों ने उन्हें दौड़ और शारीरिक श्रम न करने की सख्त हिदायत दी l डॉक्टर ने कहा कि वह कभी कोई शारीरिक श्रम नहीं कर पाएंगे तब उन्होंने आस्था चैनल पर परम पूज्य स्वामी जी को देखकर और उनसे प्रेरित होकर उनकी शरण में जाने की ठानी पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में पूज्य स्वामी रामदेव के सानिध्य में रहकर 4 साल तक योग की कठिन अभ्यास किया और तब उन्होंने हाफ मैराथन फुल मैराथन लद्दाख में आयोजित खारदुंगला प्रतियोगिता जीतने वाले एकमात्र सैनिक बने तब उन्होंने दुनिया के सबसे कठिन माने जाने वाले शारीरिक परीक्षण की उपाधि आयरन मैन हासिल करने को ठानी जिसको हासिल करने के लिए 17 घंटे के अंदर 4 किलोमीटर समुद्र में तैरना 180 किलोमीटर की साइकलिंग और 42 किलोमीटर की दौड़ मात्र 17 घंटे में पूर्ण करना होता है l शारीरिक क्षमता को मापने वाला दुनिया के सबसे कठिन परीक्षण को उन्होंने मात्र 14 घंटे में पूर्ण कर लिया l यह प्रतियोगिता भारत में नहीं होती है l अतः उन्होंने साउथ अफ्रीका में मलेशिया में और अमेरिका में तीन बार आयरन मैन की उपाधि हासिल की और चौथी बार आयरन मैन की उपाधि हासिल करने के लिए वह ऑस्ट्रेलिया जाने वाले हैं l उन्होंने कहा कि जब एक मृतप्राय व्यक्ति योग के शरण में जाकर अपने संकल्पों को सिद्ध कर सकता है l जब एक फेफड़े का आदमी इतना लंबा दौड़ सकता है तो आप योग को अपनाकर अपने जीवन के सभी संकल्प को सिद्ध कर सकते हैं l कार्यक्रम में भारत स्वाभिमान के राज्य प्रभारी रामजीवन पांडे ने कहा कि इस हॉल में बैठे सभी व्यक्ति एक इतिहास पुरुष से मिल रहे हैं l जिनकी जीवनी हम भविष्य में किताबों में पढ़ेंगे और उन्होंने लोगों को नियमित योग करने को प्रेरित किया मंच संचालन भारत स्वाभिमान के जिला प्रभारी नवीन कांत सिंह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन गिरिडीह B. Ed कॉलेज के अध्यापक धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने किया l कार्यक्रम में नेशनल कैडेट कोर योद्धा एकेडमी घातक अकादमी के प्रशिक्षु जीडी बगेरिया बी एड कॉलेज के प्राचार्य प्रो अनिल कुशवाहा प्रो वंदना चौरसिया के नेतृत्व में सैकड़ो छात्र छात्राएं सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के अध्यापक गण और छात्रगण पतंजलि परिवार के कार्यकर्ताओं समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे l अंत में प्रवीण तेवतिया द्वारा कबड्डी मैच कबड्डी मैच का उद्घाटन किया गया l कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा भारत के जिला प्रभारी रणधीर गुप्ता, सूरजकांत, रंजीत कुमार, प्रमोद कुमार, सुरेश खत्री, अरिंदम घोषाल, पुष्पा शक्ति, पर्मेंद्र कुमार, स्वपना राय, रामदेव महतो, संजय कुमार, महेंद्र अग्रवाल, शंकर भारती, अजीत कुमार रहे l कार्यक्रम में मुख्य रूप से गिरिडीह कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर ओमकार चौधरी, प्रोफेसर अनिल कुशवाहा, प्रोफेसर रो चटर्जी, प्रोफेसर आनंद पांडे, कबड्डी कोच सौरभ विवेक, मोहन बगड़िया उपस्थित हुए l

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