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जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए विशेष अभियान 14 जुलाई से 14 अगस्त तक

 ■ जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए विशेष अभियान 14 जुलाई से 14 अगस्त तक

■ समाहरणालय स्थित सभागार में जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन

■ 01 से 12 जुलाई तक सभी प्रखंडों में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन करने को कहा, अभियान को सफल बनाने को रणनीति पर की विस्तृत चर्चा

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बोकारो :- जिला योजना एवं विकास विभाग (अर्थ एवं सांख्यिकी) द्वारा छूटे हुए बच्चों का शत प्रतिशत जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने, जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण करने को लेकर आगामी 14 जुलाई से 14 अगस्त तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसी को लेकर बुधवार को समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी के निर्देश पर जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती मेनका, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री फ्रांसिस कुजूर समेत, अस्पताल उपाधीक्षक, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), सभी प्रखंड चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी (एमओआइसी), बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) आदि उपस्थित थे। 

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री फ्रांसिस कुजूर ने जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के महत्व से जुड़ी अहम जानकारी उपस्थित अधिकारी/कर्मियों को दी। बताया कि आमजनों में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण/प्रमाण पत्र के प्रति जागरूकता के अभाव में जन्म एवं मृत्यु का शत - प्रतिशत पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इसी को लेकर विभाग ने पूरे राज्य में आगामी 14 जुलाई से 14 अगस्त 2023 तक जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कार्य को सांख्यिकी, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग आपस में समन्वय बनाकर करेंगे। उन्होंने अभियान को सफल बनाने के लिए क्रमवार विभाग द्वारा तैयार रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा की। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने अस्पताल उपाधीक्षक, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), सभी प्रखंड चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी (एमओआइसी), बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) आदि को आगामी 01 से 12 जुलाई के बीच प्रखंड स्तर पर सभी संबंधित प्रखंड/पंचायत स्तरीय कर्मियों का प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित करने को कहा। विशेष अभियान की निगारानी प्रखंड, जिला, सचिव एवं निदेशालय स्तर पर होगा, इसके लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। 

कार्यशाला में मास्टर ट्रेनरों ने जन्म - मृत्यु पंजीकरण को लेकर शुरू होने वाले विशेष अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कहा कि कोविड - 19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण जिन बच्चों का जन्म पंजीकरण नहीं हो सका हो ऐसे सभी बच्चों को चिन्हित करना और उनके जन्म को राज्य की औपचारिक पंजीकरण प्रणाली में नामांकित करना है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रियाओं से जनता एवं जन्म पंजीकरण से जुड़े अधिकारियों को प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करना है। जिला में जन्म और मृत्यु पंजीकरण प्रक्रिया पर ग्रामीण और शहरी परिवारों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार - प्रसार करना है। विगत वर्षों में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण की छुटी हुई घटनाओं के शत - प्रतिशत पंजीकरण करना है।

मास्टर ट्रेनरों ने विस्तार में बताएं कि कैसे किस प्रपत्र में जानकारी देना है,किसके समक्ष पंजीकरण के लिए प्रपत्र प्रस्तुत करना है। अभियान के पहले 15 दिनों में आंगनबाड़ी कर्मियों को शून्य से पांच वर्ष के छूटे हुए सभी बच्चों की सूची तैयार कर जानकारी प्रपत्र-1 में भरकर प्रखंड कार्यालय को समर्पित करना है। वहीं, एनएम/सहिया को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह निबंधक को सूची/प्रपत्र तैयार कर समर्पित करेंगे। विद्यालय के शिक्षकों को भी अपने विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों जिनका जन्म प्रमाण पत्र नहीं है,उनकी सूची तैयार कर अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रेरित करना है।  

प्रशिक्षण सह कार्यशाला में मास्टर ट्रेनरों द्वारा जन्म और मत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969, झारखंड जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2009, जीवनांक सांख्यिकी के विभिन्न प्रपत्र, पंजीकरण और प्रमाणन अपंजीकृत मामलों (21 दिनों के भीतर, 21 दिनों से लेकर एक वर्ष से अंदर तक के विलंब मामले,एक वर्ष से अधिक विलंब मामले) आदि के संबंध में विस्तार से बताया। 

प्रशिक्षण सह कार्यशाला में गोमिया बीडीओ श्री कपील कुमार, पेटरवार बीडीओ श्री शैलेंद्र कुमार चौरसिया, जरीडीह बीडीओ श्री उजज्वल कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, सभी प्रखंड चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी कार्यालय के कर्मी आदि उपस्थित थे।

■ जन्म-मृत्यु का पंजीकरण कहां कराएं-

(क) शहरी क्षेत्र में पंजीयन संबंधित नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत एवं अधिसूचित क्षेत्र समिति में कराया जा सकता है।

(ख) चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल एवं रेफरल अस्पताल में घटित घटनाओं का पंजीयन संबंधित अस्पताल में ही होगा ।

(ग)ग्रामीण क्षेत्र की घटनाओं का पंजीयन ग्राम पंचायत में होता है।

(घ) ग्राम पंचायत में कार्यरत चौकीदार आंगनबाड़ी सेविका एवं साहिया के माध्यम से अथवा सीधे पंचायत सचिव को जन्म और मृत्यु की घटना की सूचना देकर पंजीयन कराया जा सकता है।

(ड़) बस, ट्रेन, हवाई जहाज, यान इत्यादि में जन्म या मृत्यु की घटना होने पर उसका रजिस्ट्रीकरण प्रथम विराम स्थान के अन्तर्गत आने वाली रजिस्ट्रीकरण इकाई में कराया जाना है।

(च) किसी भी जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन उसी शहर या ग्रामीण रजिस्ट्रेशन केन्द्र पर होगा जिसके क्षेत्र में घटना हुई है।

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