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*सतपुड़ा भवन में लगी आग जल गया भ्रष्ट्राचार का पुलिंदा*

*सतपुड़ा भवन में लगी आग जल गया भ्रष्ट्राचार का पुलिंदा* 
         जैसा की खबर सूत्रों से है की कांग्रेस कह रही है कि आग लगी नहीं बल्कि जानबूझकर लगाई गई है तो कही तमाम हुए सर्वे से सरकार सचेत होकर अपने पापो की गठरी को स्वाहा कर दिया। मतलब न रहेगा बास न बजेगी बासुरी। भ्रष्ट्राचार भ्रष्ट्राचार चिल्लाते तो रहोगे लेकिन कोई प्रमाण न होगा जिससे हम सुरक्षित हमारे नुमाइंदे सुरक्षित रही बात जनता की तो उसके आंख में हम लाडली बहना जैसी तमाम योजनाओं की पट्टी बांध देंगे। सतपुड़ा में पहलीबार आग नहीं लगी पिछली बार भी सरकार को आभास हुआ था कि इसबार नैया डगमग है तो सतपुड़ा भवन में आग लग गई थी। वाह रे सतपुड़ा भवन करे कोई भरे कोई ।आखिर कब तक तू भ्रष्ट्राचार की आग में तपता रहेगा।

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