अदाणी ने घर-घर पहुंचने का जोरदार प्लान बनाया
- हिंडनबर्ग से लगे झटके को पीछे छोड़ कर तेजी से आगे बढ़ रहा है अदाणी समूह
- बीटूबी से बीटूसी में तेजी से बढ़ा रहा है कदम
- पावर प्रोडक्शन से लेकर ट्रांसमिशन और एफएमसीजी प्रोडक्ट्स में नई रणनीति के साथ उतरे
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिसर्च के बाद अडानी समूह के बाजार पूंजीकरण में लगभग 100 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी। तब से अदाणी समूह के चेयरमैन और गौतम अदाणी समूह को इस संकट से उबारने की कमर कस ली। हालाँकि चुनौतियाँ बरकरार हैं लेकि अदाणी समूह बाधाओं के बावजूद सफल होता दिख रहा है। इन बाधाओं को पार करने में अदाणी समूह का एफएमसीजी सेक्टर और आम लोगों की जिंदगियों से सीधे जुड़ा बिजनेस काफी मददगार साबित हो रहा है। अदाणी समूह को एक बीटुबी कंपनी के तौर पर देखा जाता है। मतलब ऐसी कंपनी जिसका ज्यादातर कारोबार दूसरी कंपनियों के साथ होता है और सीधे आम कस्टमर से उनका सामना कम ही होता है। लेकिन अब अदाणी समूह ने बीटूसी यानी सीधे कस्टमर तक पहुंचने की मुहिम भी तेज कर दी है।
आम लोगों पर फोकस
अदाणी समूह आगे बढ़ने के लिए उपभोक्ता-केंद्रित व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, चाहे वह हवाई अड्डे, ऊर्जा और गैस वितरण या फिर रियल एस्टेट और एफएमसीजी । कई ऐसे बिजनेस हैं जिसमें अदाणी समूह तेजी से आगे बढ़ रहा है मिसाल के तौर पर ऊर्जा के क्षेत्र में। यहां पर अदाणी समूह न सिर्फ बिजली पैदा करने का काम कर रहा है बल्कि तेजी से डिस्ट्रिब्यूशन के बिजनेस को भी बढ़ा रहा है।
अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) - जिसका नाम हाल ही में अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस रखा गया है - ने 1.03 बिलियन डॉलर का इक्विटी फंड जुटाने की योजना बनाई है, और अगले कुछ वर्षों में 4,500-5,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है। यह 15,000 सर्किट किमी (सीकेएम) से अधिक के ट्रांसमिशन नेटवर्क की योजना है। जिसमें 4,400 सीकेएम निर्माणाधीन है।
प्राक्रतिक गैस के बिजनेस में भी अडाणी समहू तेजी से आगे बढ़ने का प्लान बना रहा है। पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के शहरी गैस वितरण व्यवसाय में, अदानी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) का ध्यान नए भौगोलिक क्षेत्रों में पाइपलाइन नेटवर्क बनाने पर है। वर्तमान में इसमें 460 सीएनजी स्टेशन, 704,000 पीएनजी घर और 7,435 औद्योगिक और वाणिज्यिक कनेक्शन हैं।
एफएमसीजी में, अदानी विल्मर धीरे-धीरे भोजन और एफएमसीजी के पक्ष में खाद्य तेलों (मूल्य में 79 प्रतिशत योगदान) पर अपनी निर्भरता कम कर रही है। वह अपने बिजनेस में गेहूं का आटा, चावल, दालें और चीनी आदि को शामिल कर रहा है।


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