भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई।
गिरिडीह ----- दिनांक 10 मार्च 2024 रविवार को गिरीडीह सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कुसुंबा में देश की पहली महिला शिक्षिका क्रान्ति ज्योति सावित्री बाई फुले की 127 वी पुण्य तिथि मनाई गई । अम्बेडकर सामाजिक संस्थान गिरीडीह एवं मजदूर मंच गिरीडीह के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था । सबसे पहले उपस्थित लोगों ने सावित्री बाई फुले के छाया चित्र पर माल्यार्पण किया । इस अवसर पर वार्ड सदस्य और मुखिया प्रतिनिधि किशोर मुर्मू ने उद्घाटन भाषण में कहा कि, आज महिलाएं हर दिशा में प्रगति कर रही है, उसकी आधार शिला सावित्री बाई फुले, शेख फातिमा और ज्योतिबा फुले ने ही रखी थी । जब महिलाओं को न घर से निकलने दिया जाता था न पढ़ने दिया जाता था, उस विकट परिस्थितियों में भी शिक्षा और समाज सेवा का अलख जगाया था । वंही अम्बेडकर सामाजिक संस्थान गिरीडीह के सचिव रामदेव विश्वबंधु ने कहा का आज से सौ साल पहले सामाजिक आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी । हिंदू वर्ण व्यवस्था में शूद्रो एवं महिलाओं की स्थिति अत्यंत खराब थी । ऐसे समय मे ज्योतिबा फुले, शेख फातिमा और सावित्री बाई फुले ने लड़कियों को शिक्षित करने के लिए कई स्कूल खोले । अंध विश्वास और अवैज्ञानिक कर्मकांड के विरुद्ध जन जागरण अभियान चलाया । सत्य शोधक समाज का निर्माण किया । महाराष्ट्र में प्लेग फैला तो दिन रात, लोगों की सेवा की । अंत में सावित्री बाई फुले को भी प्लेग हो गया । दस मार्च को उन्होंने अंतिम सांस ली । वज़ीर दास ने कहा कि सावित्री बाई फुले करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है । इस अवसर पर शांति मुर्मू,अनिता मरांडी, सीमा कुमारी, कंचन देवी, सुरुज मुनि मरांडी, लालिया देवी, सावित्री देवी, मनीष कुमार, पिंकी कुमारी वर्मा, आदि दर्जनों लोग शामिल थे ।.jpg)
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