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झारखंड/ पाकुड़
पाकुड़ विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं आजसू पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष अकिल अख्तर ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने प्रखंड क्षेत्र के पुरुलिया डांगा, धरमपुर, नक्सीमल, जूहीबोना गांव का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते अकिल अख्तर
इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ित परिवारों एवं किसानों को सांत्वना दिया। उन्होंने कहा कि बेशक बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है लेकिन इसका सही प्रबंधन इसके प्रभाव और नुकसान को कम कर सकता है। जिस पर स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि वर्षों से विफल साबित होते आए हैं। बाढ़ के कुप्रबंधन और शासन प्रशासन की असंवेदनशीलता व लापरवाही का अंजाम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जिसके फल स्वरुप हजारों किसानों की धान जैसे मुख्य फसल बाढ़ से बर्बाद हो गई है। ताज्जुब की बात है कि आज 21वीं सदी में जब भारत चांद पर पहुंच गया, बाढ़ को रोकने के लिए मंत्री महोदय टीना और बांस बल्ली का इस्तेमाल कर रहे हैं। असल में उनकी नियत बाढ़ से किसानों को बचाना नहीं है बल्कि मनरेगा जैसी योजना से टीना और बांस बल्ली तटबंध निर्माण करा कर अपने कार्यकर्ताओं का पेट पालना और पीसी पगड़ी के नाम पर योजना की सरकारी राशि का बंदरबांट करना है। विडंबना है कि उनके 19 साल के कार्यकाल में 19 किसानों को भी बाढ़ से नुकसान का मुआवजा नहीं मिला है। हर साल बाढ़ के बाद फसल क्षति का सर्वे होता है, मोटी मोटी फाइलें बनती हैं, लेकिन मुवावाजे के अंजाम तक पहुंचने से पहले ही फाइलें दब जाती है, और किसी बाबू के टेबल में धूल फांकती है।
बाढ़ प्रभावित लोगों से जानकारी लेते अकिल अख्तर
वही आगे अख्तर ने मंत्री आलमगीर आलम पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्हे लोगों के सेवा में नहीं बल्कि उनके शोषण और बदहाली में राजनीतिक अस्तित्व दिखता है। समस्या का समाधान ना करते हुए उसे समस्या पर राजनीतिक रोटी सेंकने का काम करते हैं। किसानों को मुआवजा दिलाने के बजाय बाढ़ के पानी में उतरकर फोटोशूट कराने का काम किया जा रहा है। खुद रांची के एसी रूम में बैठकर यहां के उनके अफरादों को भेजकर औपचारिकता पूरा करवा रहे हैं, इन्हे लोगों के दुख दर्द से कोई वास्ता नहीं है।
बाढ़ को लेकर क्या कहते है अकिल अख्तर
मौके पर वरिष्ठ कार्यकर्ता अब्दुल मालिक, मोजीबुर रहमान, प्रभारी प्रखंड अध्यक्ष नवीन दुबे, प्रखंड सह सचिव हैदर अली, मसूद आलम, अबुल कलाम सहित अन्य कार्यकर्ता एवं ग्रामीण मौजूद थे।
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